HomeKhandwa Templesसंत सिंगाजी (sant singaji)का मेला कब और कहां लगता है

संत सिंगाजी (sant singaji)का मेला कब और कहां लगता है

नमस्कार दोस्तो आज हम आपको सिंगाजी (sant singaji) के मेले के बारे में बताएंगे दोस्तों सिंगाजी का मेला निमाड़ के प्रसिद्ध संत सिंगाजी की याद में लगाया जाता है यह मेला शरद पूर्णिमा से शुरू होता है सिंगाजी के मेले में लगभग ढाई से तीन लाख श्रद्धालु सिंगाजी महाराज की समाधि के दर्शन करने आते हैं एवं यहां पर अपना निशान चढ़ाते हैं।

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निमाड़ की संस्कृति की परंपरा इस मेले में हमें देखने को मिलती है इस मेले की पहुंच विदेशों तक है यह विदेशों में भी अपनी पहचान बना चुका है इसलिए विदेश से भी दर्शन करने के लिए भक्त यहां आते हैं। यह निमाड़ की आस्था का प्रतीक है इस मेले में बड़वानी, खरगोन, झाबुआ, बैतूल इनके अलावा महाराष्ट्र एवं अन्य प्रदेशों से भी भक्तगण दर्शन करने आते हैं सिंगाजी की समाधि पर घी का प्रसाद चढ़ाया जाता है।

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वे भक्त जिन की मनोकामना पूरी हो जाती है वह भंडारा भी यहीं पर आकर करते हैं संत सिंगाजी को निमाड़ का कबीर भी कहा जाता है उनके प्रति आस्था लोगों में आज भी है इसलिए असंख्य मात्रा में भक्तजन उनके जन्मस्थान व समाधि स्थल पर उनके पद चिन्हों की पूजा करते हैं वहां पर चमत्कार आज भी महसूस होता है ।

संत सिंगाजी एक महान विभूति थे। पशुपालक, चरवाहे उन्हें दूध और घी का प्रसाद चढ़ाते हैं इस स्थान पर घी की अखंड ज्योत प्रज्वलित है, सिंगाजी महाराज का समाधि स्थल इंदिरा सागर परियोजना के कारण डूब गया था लेकिन भक्त जनों की याचना पर समाधि स्थल को सुरक्षित कर लिया गया है एवं 50 ,60 फीट ऊपर सुरक्षा किया गया है।

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