नमस्कार आज हम आपको बताएंगे खंडवा की सबसे पुरानी लाइब्रेरी माणिक्य वाचनालय (Manikya Library) के बारे में यह लाइब्रेरी लगभग 138 साल पुरानी है यह लाइब्रेरी अंग्रेजों के समय से है जिसे अंग्रेजों के द्वारा स्थापित किया गया हे।
यह लाइब्रेरी खंडवा स्टेशन से नजदीक है यहां पर 5 भाषाओं की लगभग 18000 से भी अधिक पुस्तकें उपलब्ध है जो कि 138 सालों से ज्ञान बांटने का काम कर रही है इन किताबों को पढ़कर कई लोग ऊंचे ऊंचे पदों पर नौकरी पाकर उससे रिटायर भी हो चुके हैं एवं कई बच्चे अभी भी इन किताबों से ज्ञान प्राप्त कर अपने सपनों को पूरा कर रहे हैं। यहां पर पुरानी से लेकर आज तक सभी प्रकार की पुस्तकें उपलब्ध है जो कि सभी क्षेत्रों में हे।
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महात्मा गांधी के द्वारा लिखी गई गुजराती में पुस्तक है जिसका नाम है सत्यनाप्रयोग जो कि बहुत ही दुर्लभ है वह भी इस लाइब्रेरी में उपलब्ध है। लाइब्रेरी की बनावट से ही लगता है कि यहां अपने समय में बहुत ही गौरवशाली रही होगी वैसे तो अभी इस लाइब्रेरी में भीड़ कम ही आती है जो बच्चे एग्जाम की तैयारी करते हैं कि अधिकांश इसमें पढ़ाई करते हुए मिलते हैं एक समय में खंडवा का एक अच्छा खासा वर्ग इस लाइब्रेरी में आया करता था लेकिन बदलते समय के अब यह कम हो गए हैं।
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