दोस्तों इंसानियत आज भी जिंदा है सिंघाड़ा तलाई में रहने वाली खुशबू मिलिंद जो कि झाड़ू बनाकर अपना जीवन यापन करती हैं उनकी खूब जमकर तारीफ हो रही है जानते हैं किस लिए पिछले श्याम खुशबू तीन पुलिया की तरफ अपने काम से आ रही थी तभी उन्हें एक पर्स दिखा जिसमें कई हजार रुपए रखे हुए थे खुशबू ने ईमानदारी दिखाते हुए वह पर्स कर थाने में जमा कर दिया और कहा जिसका है उसे दे दे।
उस पर्स में कई हजार रुपए थे एवं डॉक्यूमेंट थे पुलिस ने डॉक्यूमेंट के आधार पर उसके मालिक को फोन किया एवं उन्हें उनका पर्स लौटाया जिस व्यक्ति का था उसने पुलिस एवं उस महिला की तारीफ की एवं आभार व्यक्त किया और कहा इंसानियत आज भी जिंदा है मैंने यह खो जाने के बाद इसकी आस छोड़ दी थी दोस्तों पर्स में इतने पैसे थे कि वह महिला अपने शौक पूरे कर सकती थी लेकिन उसने ऐसा ना करते हुए एक सभ्य, ईमानदार महिला होने का फर्ज निभाया।